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*उत्तर प्रदेश बिलसंडा सीएमओ के निर्देश पर हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग जांच की शुरू*

ब्यूरो/ रिपब्लिक न्यूज़ 18/। ।।उत्तर प्रदेश बिलसंडा/सीएमओ के निर्देश पर हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग, शुरू की जांच

मान्यता संबंधी अभिलेख तलब करने के साथ ही मांगी डॉक्टरों की सूची
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निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत का मामला
बिलसंडा । हफ्ते भर पहले नगर में गलत उपचार के चलते महिला की हुई मौत के मामले मे आखिरकार स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ ही गया। सीएमओ के निर्देश पर सोमवार को सीएससी अधीक्षक टीम के साथ निजी अस्पताल जांच करने पहुंचे। जांच में उन्होंने मान्यता संबंधी अभिलेख तलब करने के साथ ही डॉक्टरों की सूची भी मांगी है ।
नगर से सटे गांव मझिगवा निवासी ओमपाल प्रजापति की पत्नी शारदा देवी हार्ट पेशेंट थी। हफ्ते भर पूर्व उसे बुखार आया था। जिसकी वजह से नगर के एक एमबीबीएस डॉक्टर को दिखाया। जिन्होंने बाहर दिखाने का सुझाव देकर उपचार करने से इनकार कर दिया। बताते हैं कि वहां से वह अपनी पत्नी को सरकारी अस्पताल ले गया था। जहां पर चिकित्सक ने स्तरीय उपचार का सुझाव देते हुए रेफर कर दिया। लेकिन इसी बीच अस्पताल परिसर में घूम रहे एक निजी अस्पताल के कर्मचारी ने अपने अस्पताल में बेहतर उपचार की बात कहते हुए उसे समझाया। जिसके बाद वह उसी कर्मचारी के साथ बुधवार को निजी अस्पताल ले गया। जहां पर उसे भर्ती कर लिया गया। बताते हैं कि जिस अस्पताल में भर्ती किया गया ।वहां पर हृदय रोग विशेषज्ञ तो दूर की बात कोई डॉक्टर भी नहीं था। अनट्रेन्ड द्वारा महिला का उपचार किया गया। महिला के पति का कहना है कि गलत उपचार किए जाने की वजह से उसकी पत्नी की मौत हो गई। बता दें कि इसी निजी अस्पताल में पिछले वर्ष जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। जिसके बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया था। बताते हैं कि इस अस्पताल में बाहर के डॉक्टरों का पैनल दर्शा तो रखा है,लेकिन कोई भी डॉक्टर अस्पताल मौजूद नहीं रहता। बल्कि डिलीवरी केस आने पर सिर्फ ऑपरेशन करने के लिए कुछ देर के लिए आते हैं ,और वापस लौट जाते हैं। किराए पर डॉक्टरों के सहारे निजी अस्पताल का संचालन हो रहा है। सोमवार को सीएमओ के निर्देश पर सीएचसी अधीक्षक मनीष राज शर्मा टीम के साथ निजी चिकित्सालय पहुंचे और संचालक से मान्यता संबंधी अभिलेख तलब किया जो मौके पर नहीं दिखा सका इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरों की सूची भी तालाब की। जिस वक्त स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने निजी अस्पताल पहुंची उसे वक्त मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। यह अलग बात है कि सीएचसी अधीक्षक पर दबाव बनाने की खातिर राजनीतिक लोग एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आए। उधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही आज कोई कार्यवाही नहीं की गई ,लेकिन जांच को लेकर टीम के पहुंचने से पूरे समय अस्पताल प्रशासन में हड़प्पा मचा रहा।

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